भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय का नवीन परिसर अंतरराष्ट्रीय स्तर का होगा- जयवीर सिंह* *पर्यटकों के लिए 1090 चौराहे से रेजीडेंसी तक डबल डेकर बस होगी संचालित *06 जनवरी 2026 को पर्यटन मंत्री हरी झंडी दिखाकर बस का करेंगे शुभारम्भ *राजधानी को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन गन्तव्य स्थल बनाने के निर्देश *पर्यटन मंत्री ने संस्कृति एवं पर्यटन विभाग की समीक्षा की

राजधानी में शहीद पथ के समीप बनेगा नया संस्कृति भवन

लखनऊ, 30 दिसंबर 2025* उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि राजधानी में शहीद पथ के निकट संस्कृति मुख्यालय की स्थापना की जायेगी। इस संस्कृति भवन में संस्कृति विभाग के अधीन आने वाली निदेशालयों के कार्यालयों को शिफ्ट किया जायेगा। उन्होंने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि भूमि की व्यवस्था के लिए प्रक्रिया शुरू करें। उन्होंने कहा कि भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के नये परिसर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जायेगा। इसके अलावा राजधानी में पर्यटन एवं संस्कृति पार्क विकसित किया जायेगा। इस पार्क में पर्यटन और संस्कृति से जुड़ी वस्तुओं को प्रदर्शित किया जायेगा। इसकी शुरुआत 17 नगर निगमों के अधीन आने वाले पार्कों से होगी। पर्यटन मंत्री आज पर्यटन भवन के सभागार में संस्कृति व पर्यटन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। लखनऊ भ्रमण करने वाले लोगों को किफायती रेट पर टिकट प्रदान किया जायेगा। इस बस का शुभारम्भ पर्यटन मंत्री 06 जनवरी को 1090 चौराहे से पूर्वाहन 10ः30 बजे हरी झंडी दिखाकर करेंगे। मीडिया के लिए शुभारम्भ के दिन यह यात्रा निःशुल्क रखी गयी है। 'लखनऊ दर्शन' का उद्देश्य पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं को आकर्षित करके लखनऊ को एक नये डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है। मंत्री जयवीर सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि आगरा और काशी की तरह लखनऊ को भी अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन गन्तव्य के रूप में ख्याति दिलाने के लिए परियोजना तैयार की जाए। आगरा और काशी में पहले से ही देशी-विदेशी पर्यटकों का आवागमन होता रहता है, इसी तर्ज पर लखनऊ को भी पर्यटन का हब बनाने के लिए तैयारी की जाए। उन्होंने निर्माणाधीन संग्रहालयों एवं स्मारकों आदि का कार्य शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए। इसके अलावा ग्राम पंचायत को वितरित किये जाने वाले वाद्य यंत्रों को पूरी सावधानी एवं निगरानी के साथ गुणवत्तापूर्ण एवं पारदर्शिता के साथ क्रय कराया जाए। पर्यटन मंत्री ने निर्माण कार्यों एवं वृहद योजनाओं की समीक्षा करते हुए गुणवत्ता के साथ बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने वित्तीय स्वीकृति एवं लंबित भुगतान के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि अधिकारी चीजों को उलझाने की नहीं बल्कि सुलझाने की मानसिकता के साथ कार्य करें। परियोजनाओं को आगे बढ़ाये। बिलम्ब करने अथवा लटकाने की प्रवृत्ति छोड़े अन्यथा कार्यवाही का सामना करना पडे़गा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अधिकारियों को फाइलें बिलम्ब करने की पुनरावृत्ति छोड़नी पड़ेगी। उन्होंने संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आवंटित धनराशि के सापेक्ष व्यय की अद्यतन स्थिति की बिन्दुवार समीक्षा की। मंत्री जयवीर सिंह ने वृहद परियोजनाओं की समीक्षा के अलावा तीर्थ विकास परिषदों के कार्यों, भारत सरकार के लंबित प्रकरणों, एमओयू तथा भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय म्यूजियम संग्रहालय की समीक्षा की। उन्होंने हरदोई, एटा, अलीगढ़, चित्रकूट, पीलीभीत, फिरोजाबाद, मैनपुरी आदि के रामलीला मैदानों के सौन्दर्यीकरण आदि की समीक्षा की। इसके अलावा रायबरेली, बदायू, कन्नौज, चित्रकूट, लखनऊ में निर्माणाधीन सांस्कृतिक केन्द्रों की समीक्षा की। इसके अलावा उन्होंने संग्रहालयों आदि के बारे में भी जानकारी प्राप्त की और समय से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन स्थलों पर शिलालेखन, वे-साइड एमेनिटीज के प्रगति की समीक्षा, प्रचार प्रसार आदि की गहन समीक्षा की और प्रगति की जानकारी ली। दोनों समीक्षा बैठकों में प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति अमृत अभिजात, महानिदेशक पर्यटन राजेश कुमार द्वितीय, विशेष सचिव संजय सिंह, एमडी पर्यटन विकास निगम आशीष कुमार, अपर निदेशक संस्कृति डा0 सृष्टि धवन, पुष्प कुमार के० निदेशक ईको टूरिज्म, पर्यटन सलाहकार जे0पी0 सिंह, निदेशक पुरातत्व रेनू द्विवेदी, अमित अग्निहोत्री, संयुक्त सचिव उमा द्विवेदी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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