Political Leaders Pay Tribute to Ratan Tata on His 88th Birth Anniversary
प्रेगनेंसी में अक्सर महिलाओं को एनीमिया, यानी खून की कमी की हो जाती है समस्या, आखिर क्यों ?
प्रेगनेंसी के दौरान कई महिलाओं को एनीमिया, यानी खून की कमी की समस्या होती है. इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं है, क्योंकि यह मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. आइए इस बारे में डॉ. सोनाली चड्ढा से जानते हैं.
अगर आपके घर में भी कोई प्रेग्नेंट हैं तो ध्यान रखें कि शरीर में खून की कमी नहीं होना चाहिए. आपका हीमोग्लोबिन 9 से अधिक ही रहे तो बेहतर है, लेकिन कुछ महिलाओं में खून की कमी हो जाती है. इसको मेडिकल की भाषा में एनीमिया की बीमारी कहते हैं.एनीमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में खून की मात्रा या हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है. हीमोग्लोबिन शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. जब इसकी कमी होती है, तो शरीर कमजोर महसूस करता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में बड़ी संख्या में महिलाएं एनीमिया से प्रभावित हैं, जिनमें गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत काफी अधिक है. भारत की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है, जहां प्रेगनेंसी के दौरान एनीमिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में सामने आ रहा है. यह न सिर्फ मां की सेहत को प्रभावित करता है, बल्कि होने वाले बच्चे के विकास पर भी असर डाल सकता है. कई मामलों में यह समस्या शुरुआत में साफ तौर पर नजर नहीं आती, जिससे समय पर पहचान नहीं हो पाती.
ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि गर्भवती महिलाओं में एनीमिया क्यों हो रहा है और इसके मामलों में लगातार बढ़ोतरी क्यों देखी जा रही है.
प्रेगनेंट महिलाओं को क्यों हो रहा है एनीमिया?
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में खून की मात्रा सामान्य से अधिक बढ़ जाती है, ताकि मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों की जरूरतें पूरी हो सकें. ऐसे में इस बढ़ी हुई खून की मात्रा के लिए शरीर को अधिक आयरन, फोलिक एसिड और अन्य पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. अगर यह जरूरत पूरी नहीं हो पाती, तो एनीमिया की स्थिति बन जाती है.
कई महिलाओं में प्रेगनेंसी से पहले ही हीमोग्लोबिन का स्तर कम होता है, जो प्रेगनेंसी के दौरान और गिर सकता है. इसके अलावा बार-बार उल्टी, मतली या सही ढंग से भोजन न कर पाना भी पोषण की कमी को बढ़ा देता है. कुछ मामलों में समय पर जांच न होना और एनीमिया की पहचान देर से होना भी समस्या को गंभीर बना देता है.
प्रेगनेंट महिलाओं में क्यों बढ़ रहे एनीमिया के मामले?
डॉ. बताते है कि प्रेगनेंट महिलाओं में एनीमिया के मामलों में बढ़ोतरी के पीछे कई स्पष्ट कारण सामने आए हैं. असंतुलित खानपान, आयरन युक्त भोजन की कमी और सप्लीमेंट्स का नियमित सेवन न करना इसकी बड़ी वजह है. इसके अलावा ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच के कारण समय पर जांच और इलाज नहीं हो पाता. जागरूकता की कमी भी एक अहम कारण है, जहां महिलाएं कमजोरी और थकान को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देती हैं.
कम अंतराल में बार-बार गर्भधारण होना भी शरीर को पूरी तरह स्वस्थ होने का समय नहीं देता, जिससे एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है. इन सभी कारणों से गर्भवती महिलाओं में एनीमिया के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.
कैसे करें बचाव?
प्रेगनेंसी के दौरान संतुलित डाइट लें.
आयरन, फोलिक एसिड और कैल्शियम युक्त भोजन डाइट में शामिल करें.
डॉक्टर द्वारा बताए गए सप्लीमेंट्स नियमित लें.
समय-समय पर हीमोग्लोबिन की जांच कराएं.
हरी सब्जियां, दालें, फल और सूखे मेवे खाएं.
किसी भी कमजोरी या थकान को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से सलाह लें.
Add Comment