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भारत की 'विश्वसनीय रक्षा निर्यातक' के रूप में मजबूत हुई पहचान, रक्षा बजट में भी 12 वर्षों में जबरदस्त वृद्धि
'ऑपरेशन सिंदूर' में 'मेड इन इंडिया' हथियारों के शानदार प्रदर्शन को लेकर चारों ओर चर्चाएं हो रही हैं। इसी बीच केंद्र सरकार ने रक्षा बजट को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा किया है।
केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार को दी गई जानकारी के अनुसार, देश का रक्षा बजट बीते 12 वर्षों में 4.28 लाख करोड़ बढ़कर 2025-26 में 6.81 लाख करोड़ रुपए हो गया है। भारत का रक्षा बजट इन बीते वर्षों में लगभग 150 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा है, जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने, सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया, "रक्षा बजट 2013-14 में 2.53 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2025-26 में 6.81 लाख करोड़ रुपए हो गया है।"
पोस्ट में आगे बताया गया है कि रणनीतिक सुधारों, प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी और इनोवेशन ने स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश को 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने की पहल में अपना योगदान दिया। इसी के साथ देश की वैश्विक स्तर पर एक विश्वसनीय रक्षा निर्यातक के रूप में पहचान मजबूत हुई है और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास को भी मजबूती मिली है।
दरअसल, केंद्रीय बजट में रक्षा मंत्रालय के लिए वित्त वर्ष 2025-26 में 6,81,210.27 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यह प्रावधान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तकनीकी रूप से एडवांस्ड और ‘आत्मनिर्भर’ सशस्त्र बलों के साथ ‘विकसित भारत 2047' के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
यह आवंटन वित्त वर्ष 2024-25 के बजटीय अनुमान से 9.53 प्रतिशत अधिक है और केंद्रीय बजट का 13.45 प्रतिशत है, जो सभी मंत्रालयों में सबसे अधिक है।
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