वो किसका खौफनाक चीखें जिनसे हर रात गूँज उठता है नाहरगढ़ किला ?
Pahalgam Terrorist Attack / पाकिस्तान की भारत लगाएगा 'लंका', चुप रहेगा चीन, और अमेरिका!
Pahalgam Terrorist Attack: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल की घटनाओं ने न केवल दोनों देशों के संबंधों को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि वैश्विक राजनीति में भी उथल-पुथल मचा दी है। पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि का निलंबन और सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं का बढ़ा हुआ दबाव प्रमुख हैं। वहीं पाकिस्तान ने भारत के विमानों के लिए एयरस्पेस बंद करने का निर्णय लिया है। इन घटनाओं ने युद्ध के खतरे को बढ़ा दिया है और दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नई तल्खी पैदा कर दी है।
हालांकि, वैश्विक शक्ति संरचना में भी बदलाव हो रहे हैं, विशेष रूप से अमेरिका और चीन के दृष्टिकोण में। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ अमेरिका के घनिष्ठ संबंध हैं, और इस स्थिति में अमेरिका की भूमिका बड़ी अहम हो सकती है। अब सवाल यह उठता है कि अगर युद्ध की स्थिति उत्पन्न होती है तो अमेरिका और चीन का रुख क्या होगा?
अमेरिका और चीन का व्यापारिक हित
भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका है, और इसका व्यापार दोनों प्रमुख वैश्विक शक्तियों – अमेरिका और चीन – के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत के साथ इन दोनों देशों का व्यापार 100 अरब डॉलर से भी अधिक है, जो दर्शाता है कि दोनों देश भारत को अपने व्यापारिक हितों के लिए बहुत जरूरी मानते हैं। अमेरिका और चीन, दोनों को भारत के विशाल बाजार की आवश्यकता है, और इसलिए दोनों देशों के लिए भारत-पाक युद्ध के दौरान भारत के खिलाफ जाकर पाकिस्तान का समर्थन करना आर्थिक दृष्टिकोण से समझदारी नहीं होगा।
चीन का व्यापारिक दृष्टिकोण
भारत और चीन के बीच बाइलेटरल व्यापार में पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि देखी गई है, और 2024-25 में यह कारोबार 127.7 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच चुका है। हालांकि, व्यापार घाटा चीन के पक्ष में अधिक है, लेकिन इस व्यापारिक रिश्ते को देखते हुए चीन के लिए भारत के साथ संबंधों को खतरे में डालना जोखिमपूर्ण हो सकता है।
वर्तमान में, चीन के पास अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ के कारण आर्थिक दबाव है। इसलिए, चीन को भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए भारत की शर्तों को मानने के लिए मजबूर होना पड़ा है। यदि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है, तो चीन का रुख पाकिस्तान के पक्ष में खुले तौर पर नहीं होगा, क्योंकि चीन के लिए भारत का व्यापारिक महत्व बहुत ज्यादा है।
अमेरिका और भारत के व्यापारिक संबंध
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार 2025 तक 131.84 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है, और दोनों देशों के लिए यह रिश्ता आर्थिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। भारत और अमेरिका के व्यापार में पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि हुई है, और 2024-25 में भारत का अमेरिका को निर्यात 86.51 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच चुका है।
इस स्थिति में, अमेरिका के लिए भारत के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन करना किसी भी दृष्टिकोण से लाभकारी नहीं होगा। इसके बजाय, अमेरिका अपने व्यापारिक हितों को देखते हुए भारत के साथ अपने संबंधों को बनाए रखने की पूरी कोशिश करेगा।
पाकिस्तान और चीन-अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते
पाकिस्तान और चीन के बीच व्यापार भारत के मुकाबले काफी कम है। 2024 में, पाकिस्तान और चीन के बीच बाइलेटरल व्यापार 23.1 अरब अमेरिकी डॉलर था, जिसमें चीन का निर्यात पाकिस्तान को 20.2 अरब डॉलर था। पाकिस्तान का चीन के साथ व्यापार बढ़ रहा है, लेकिन इसका आकार भारत के मुकाबले बहुत छोटा है।
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