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बांग्लादेश में फिर बिगड़े हालात, यूनुस बोले-"देश में युद्ध के हालात, फिर गुलामी की ओर लौट रहे हम"
Dhaka: बांग्लादेश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल अब संकट के चरम पर पहुंच गई है। अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने हालात पर चिंता जताते हुए कहा है कि देश युद्ध जैसी स्थिति से गुजर रहा है और "हम सबकुछ खो चुके हैं, फिर से गुलामी की ओर बढ़ रहे हैं।" यह बयान उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात के दौरान दिया। यूनुस के अनुसार, अवामी लीग पर प्रतिबंध के बाद हालात बेकाबू हो चुके हैं। उनके प्रवक्ता शफीकुल आलम ने बताया कि यूनुस ने बीते रविवार को ढाका स्थित स्टेट गेस्ट हाउस 'जमुना' में हुई बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। इस बैठक में 20 से अधिक राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए थे।"
बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए शफीकुल आलम ने यूनुस के हवाले से कहा कि “देश के अंदर और बाहर दोनों ओर युद्ध जैसी स्थिति बन चुकी है। सब कुछ बर्बाद हो गया है और हम एक बार फिर गुलामी की ओर बढ़ रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि अवामी लीग की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के बाद राजनीतिक अस्थिरता और ज्यादा बढ़ गई है। देश की आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय स्थिति इतनी जटिल हो गई है कि अब आगे बढ़ पाना मुश्किल हो रहा है।बैठक में शामिल राजनीतिक दलों ने यूनुस से स्पष्ट तौर पर मांग की कि वे जल्द से जल्द आम चुनाव की तारीख घोषित करें। हालांकि यूनुस ने सीधा जवाब देने से बचते हुए बस इतना कहा कि“मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा जिससे देश को नुकसान पहुंचे। सभी को मुझ पर भरोसा रखना चाहिए।” विपक्षी दलों का आरोप है कि यूनुस सत्ता में बने रहने के लिए चुनाव प्रक्रिया में देरी कर रहे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब नागरिक ओइका पार्टी के नेता महमूदुर रहमान मन्ना ने दावा किया कि यूनुस ने भारत को मौजूदा संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया। मन्ना के अनुसार, यूनुस ने बैठक में कहा, “भारत बांग्लादेश के अंदर हो रहे बदलाव को स्वीकार नहीं कर रहा है। वे हमें एक दिन में खत्म करना चाहते हैं और इसके लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।” हालांकि इस बयान की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अगर यह सच है, तो यह भारत-बांग्लादेश संबंधों में नई कड़वाहट ला सकता है।
अवामी लीग पर प्रतिबंध बना विवाद की जड़
बांग्लादेश में अवामी लीग देश की सबसे बड़ी और पुरानी राजनीतिक पार्टी है। यूनुस सरकार ने हाल ही में पार्टी की सभी राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद देश भर में विरोध, हिंसा और प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले ने ही देश को राजनीतिक संकट के मुहाने पर ला खड़ा किया है। अब यूनुस की सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या वह जनता की इच्छाओं का दमन कर लोकतंत्र को कमजोर कर रही है?
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार एक ऐसे मोड़ पर खड़ी है जहां से या तो लोकतंत्र की ओर लौटने का रास्ता बचेगा या फिर देश और गहराते अराजकता में डूब जाएगा।भारत पर लगाए गए आरोप और अवामी लीग पर प्रतिबंध ये दोनों फैसले देश के राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक बन चुके हैं।
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