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पश्चिम बंगाल में पारंपरिक उत्साह एवं उल्लास के साथ मनाया गया बंगाली नववर्ष
बंगाली नववर्ष (पोइला बैसाख) मंगलवार को पूरे पश्चिम बंगाल में पारंपरिक उत्साह एवं उल्लास के साथ मनाया गया और इस दौरान लोगों ने मंदिरों में पूजा-अर्चना की, दुकानों पर जाकर नए खाता-बही खोले और रेस्तरां में विशेष रूप से तैयार किए गए व्यंजनों का आनंद लिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाली नववर्ष के अवसर पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएं दीं।
सुबह से ही हजारों लोग शहर के दक्षिणेश्वर और कालीघाट समेत विभिन्न मंदिरों में पहुंचे और उन्होंने ‘हाल खाता’ नामक नयी खाता बही खोलकर ईश्वर का आशीर्वाद लिया। विभिन्न इलाकों में रंगारंग प्रभात फेरी निकली। पुरुष एवं महिलाएं टैगोर की कविता ‘हे नोतुन देखा दिक अर्बार’ (नयी सुबह नयी उम्मीद के साथ हमारा स्वागत करे) गाते हुए प्रभात फेरियों में शामिल हुए।
इस दौरान बंगाल के ग्रामीण जीवन दर्शाने वाली रंगारंग प्रस्तुतियां दी गईं। कोलकाता समेत विभिन्न जिलों में भी शॉपिंग मॉल खरीदारों से खचाखच भरे रहे और सिंगल स्क्रीन एवं मल्टीप्लेक्स सिनेमा घरों में फिल्मों के शो हाउसफुल रहे।
बड़ी संख्या में लोगों ने विभिन्न बंगाली रेस्तरां में व्यंजनों का आनंद लिया और रेस्तरां में भारी भीड़ के कारण पारंपरिक पोशाक पहने ग्राहक उनके बाहर खड़े होकर घंटों इंतजार करते दिखे। विभिन्न इलाकों में बंगाली विरासत और संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए विशेष संगीत समारोह और रंगमंच प्रस्तुतियां आयोजित की गई।
मुर्शिदाबाद के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा का असर जिले के धुलियान, शमशेरगंज, सुती और जंगीपुर में नववर्ष समारोहों पर देखने को मिला और कई व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं। अधिकारी ने तामलुक में चैतन्य महाप्रभु मंदिर से मां वर्गभीमा मंदिर तक अपनी रैली का वीडियो संलग्न करते हुए सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट’ में लिखा, ‘‘आइए बंगाली नववर्ष में इस नयी उम्मीद के साथ शुरुआत करें कि बंगाल में बदलाव आएगा। हम बदलाव लाएंगे।
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