अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: भारत के भाग्य को गढ़ती आधी आबादी
Lucknow : नए भारत का यह अमृत कॉल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आधी आबादी के जरिए नया रूप लेता जा रहा है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण लोकसभा चुनाव 2024 में आधी आबादी ने मोदी को जिताया और आधी आबादी ने हीं हरियाणा महाराष्ट्र और दिल्ली में बीजेपी को जीत दिलाई। प्रधानमंत्री मोदी ने भी आधी आबादी का कर्ज उतारते हुए राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू से लेकर रेखा गुप्ता तक महिलाओं को तवज्जो दी।
आप याद कीजिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस पद पर बैठने के बाद विपक्ष ने कितना हो हल्ला मचाया और उनके प्रति अब मर्यादित शब्दों का इस्तेमाल तक कर
देश में अगर अहम नेतृत्व ही महिलाओं से हो तो उस देश की ताकत को कोई नहीं रोक सकता
सुविधा, सुरक्षा और अवसर समान, आधी आबादी का पूरा सम्मान
मोदी ने महिलाओं का साथ देकर समाज को बार-बार चौकया है इसकी सबसे बड़ी मिसाल दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता है किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि उनको मुख्यमंत्री बनाया जाएगा इसी तरीके से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने महिलाओं को ताकत देने के लिए तीन तलाक खत्म किया सदन में स्टार्टअप योजनाओं के बिल पासकर महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी की और महिलाओं को अपना व्यापार शुरू करने के लिए सस्ती दरों पर लोन मुहैया कराने की व्यवस्था की यह मोदी ही हैं जिन्होंने नारी की शक्ति को समझा, और कहा , कि भारत का विकास बगैर आदी आबादी के नहीं हो सकता इसके लिए उन्होंने सदन में महिला आरक्षण बिल तक पेश किया जिसका विपक्ष ने बहुत विरोध भी किया आज संसद में महिला सांसद हैं जिनकी गिनती लोकसभा में और राज्यसभा मे है
मोदी की कैबिनेट में देश का वित्त निर्मला सीतारमण संभालती हैं और यह तो सबको पता है महिलाओं से अच्छा घर का बजट कोई नहीं बना सकता
आज मोदी को चुनौती भी तीन महिलाओं से ही मिल रही है पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और विपक्ष में सोनिया गांधी और उनकी बेटी प्रियंका गांधी अपने राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं लेकिन आधी आबादी के ही आशीर्वाद से मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री हैं
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री cm योगी आदित्यनाथ भी महिलाओं के सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ा ,यूपी की विधानसभा 47 महिला विधायक है, और उत्तर प्रदेश की गवर्नर भी आनंदीबेन पटेल भी एक महिला है और मेयर सुषमा खर्कवाल भी एक महिला है
इतना ही नहीं उत्तराखंड की अर्थ को मर्दों से कंधे से कंधा मिलाते हुए नारी शक्ति ने ही संभाल रखा है इसके लिए वह शाबाशी की पात्र हैं स्वयं सहायता समूह के माध्यम से वे खेती करने के साथ-साथ पशुपालन मत्स्य पालन तो कर ही रही हैं एलइडी लाइट्स बनाने के साथ-साथ हथकरघा उद्योग में भी हाथ आजमा रही हैं चारों धाम का प्रसाद और भगवान के कपड़े भी वही बनाती हैं
यहां तक की उत्तराखंड की चीफ सेक्रेटरी भी राधा रतूड़ी एक महिला है
देश में कुल 543 लोकसभा सांसद हैं. अभी पिछले बरस अप्रैल से जून के बीच हुए आम चुनाव में 74 महिला सांसद चुनी गईं. इस तरह, 17वीं लोकसभा की तुलना में मौजूदा लोकसभा में (18वीं लोकसभा) महिला सांसदों की संख्या बढ़ने की बजाय कम ही हो गई. अगर प्रतिशत में बात करें तो आधी आबादी का प्रतिनिधित्व मौजूदा लोकसभा में 14 फीसदी से भी कुछ कम है. 2019 के आम चुनाव के बाद 78 महिलाएं संसद पहुंची थीं.
भारत वर्ष हमेशा से ही विदुषी महिलाओं के लिए जाना जाता रहा है भारत में अब तक 18 महिला मुख्यमंत्री रह चुकी है
लोकसभा में महिला सदस्यों का प्रतिशत वर्ष 2004 तक 5-10% से बढ़कर वर्तमान 18वीं लोकसभा में 13.6% हो गया है
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